नार्कोएनालिसिस, पॉलीग्राफ टेस्ट और ब्रेन इलेक्ट्रिकल एक्टिवेशन प्रोफाइल टेस्ट, ऐसे परीक्षणों के अधीन व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध किया जाता है, जो अनुच्छेद 20(3) के तहत संरक्षित उसके अधिकार का उल्लंघन करता है, और भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है, सर्वोच्च न्यायालय ने निम्नलिखित में से किस मामले में माना था?

  1. वक्कर एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (2011) 3 एससीसी 306
  2. मुन्ना कुमार उपाध्याय बनाम आंध्र प्रदेश राज्य (2012) 6 एससीसी 174
  3. जगरूप सिंह बनाम पंजाब राज्य (2012) 11 एससीसी 768
  4. सेल्वी एवं अन्य बनाम कर्नाटक राज्य (2010) 7 एससीसी 263

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सेल्वी एवं अन्य बनाम कर्नाटक राज्य (2010) 7 एससीसी 263

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सही उत्तर विकल्प 4 है। Key Points 

  • सेल्वी एवं अन्य बनाम कर्नाटक राज्य (2010) 7 एससीसी 263 मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय न्यायालयों में नार्कोएनालिसिस, ब्रेन मैपिंग और झूठ (लाई) डिटेक्टर परीक्षणों के माध्यम से प्राप्त साक्ष्य की स्वीकार्यता के संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश स्थापित किए।
    • नार्कोएनालिसिस, पॉलीग्राफ टेस्ट और ब्रेन इलेक्ट्रिकल एक्टिवेशन प्रोफाइल टेस्ट, ऐसे परीक्षणों से गुजरने वाले व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध किया जाता है, जो उसके संविधान के अनुच्छेद 20(3) के तहत संरक्षित अधिकार और अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
    • इसने आपराधिक कार्यवाही में आत्म-दोषी ठहराए जाने के विरुद्ध अधिकार तथा निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार सहित मौलिक अधिकारों की सुरक्षा को सुदृढ़ किया।
    • इस फैसले ने भविष्य में इसी प्रकार की जांच तकनीकों के उपयोग से संबंधित मामलों के लिए एक मिसाल कायम की तथा आपराधिक न्याय प्रणाली की अखंडता को बरकरार रखा।
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