Question
Download Solution PDFनिम्नलिखित में से कौन सा व्यावसायिक रूप से उत्पादित रासायनिक पदार्थ है जो मृदा की उर्वरता को बढ़ाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर उर्वरक है।
स्पष्टीकरण-
उर्वरक का उपयोग पादपों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने के लिए किया जाता है, जो उनकी वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक हैं। इन पोषक तत्वों में प्राथमिक पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), और पोटैशियम (K), और द्वितीयक तथा सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे कैल्सियम (Ca), मैग्नीशियम (Mg), सल्फर (S), और लेशमात्रिक पोषक तत्वा जैसे आयरन (Fe), मैंगनीज (Mn), कॉपर (Cu), जिंक (Zn), मोलिब्डेनम (Mo) और बोरॉन (B) शामिल हैं।
व्यावसायिक रूप से उत्पादित उर्वरकों के सामान्य प्रकारों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- अकार्बनिक उर्वरक: ये संश्लेषणात्मक रूप से निर्मित होते हैं और इनमें खनिज या संश्लेषी रसायन होते हैं। उदाहरण के लिए- अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम क्लोराइड और सुपरफॉस्फेट।
- जैविक उर्वरक: ये पादप और पशु स्रोतों से प्राप्त होते हैं और इसमें अस्थि चूर्ण, रक्त चूर्ण (ब्लड मील), मछली पायस, या खाद जैसे उत्पाद शामिल होते हैं।
- मिश्रित उर्वरक: ये विभिन्न पोषक तत्वों का मिश्रण होते हैं और इन्हें विशिष्ट फसल आवश्यकताओं के अनुरूप अनुकूलित किया जा सकता है।
शाकनाशी- शाकनाशी एक प्रकार का पीड़कनाशी है जिसका उपयोग अवांछित वनस्पति, विशेष रूप से खरपतवार को नियंत्रित करने या खत्म करने के लिए किया जाता है। ये उन अवांछित पादपों के विकास को बाधित करके अपना कार्य करते हैं जो पोषक तत्वों, जल, सूर्य के प्रकाश और स्थान के लिए खेती किए गए पादपों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं।
पीड़कनाशी ऐसे पदार्थ हैं जिनका उपयोग पीड़कों को आकर्षित करने, रोकने, नष्ट करने या कम करने के लिए किया जाता है। पीड़कों में कीट, पादप रोगजनक, खरपतवार, मोलस्क, पक्षी, स्तनधारी, मछली, नेमाटोड (गोलकृमि) और सूक्ष्मजीव शामिल हो सकते हैं जो संपत्ति को नष्ट करते हैं, बीमारी फैलाते हैं, या बाधा उत्पन्न करते हैं। पीड़कनाशी का उपयोग रोगों के वाहकों को मारने के लिए किया जाता है। पीड़कनाशी कई प्रकार के होते हैं जैसे शाकनाशी, कीटनाशी, कवकनाशी, कृंतकनाशी आदि।
कीटनाशी, कीटों को रोकने, क्षति पहुँचाने या मारने के लिए विशेष रूप से विकसित पीड़कनाशी होते हैं। ये कीट के तंत्रिका तंत्र को बाधित करके अपना कार्य करते हैं जिससे अंततः उनकी मृत्यु हो सकती है। कीटनाशी के अत्यधिक उपयोग से कीटों की समिष्ट में प्रतिरोध उत्पन्न हो सकता है, गैर-लक्षित प्रजातियों को नुकसान हो सकता है और पर्यावरण संदूषण हो सकता है, इसलिए इनका जिम्मेदारी से उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
अवधारणा -
- मृदा की उर्वरता से तात्पर्य पादपों को उनकी वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने की क्षमता से है। यह सतत और उत्पादक खेती के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। मृदा की उर्वरता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें मृदा की भौतिक विशेषताएँ, इसके जैविक घटक और इसकी रासायनिक संरचना शामिल है।
- मृदा की उर्वरता को बनाए रखने और सुधारने के लिए, उचित मृदा प्रबंधन पद्धतियों जैसे फसल चक्रण, हरी खाद का उपयोग, कार्बनिक पदार्थ (जैसे कॉम्पोस्ट) को शामिल करना, अपरदन को कम करना और अकार्बनिक उर्वरकों के उचित स्तर को डालना आवश्यक है।
निष्कर्ष- उर्वरक, व्यावसायिक रूप से उत्पादित रासायनिक पदार्थ हैं जो मृदा की उर्वरता को बढ़ाते हैं।
Last updated on Jan 29, 2025
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