Question
Download Solution PDFराजा राम मोहन राय की मृत्यु के बाद, ब्रह्म समाज दो वर्गों में विभाजित हो गया, भारत का ब्रह्म समाज और आदि ब्रह्म समाज। दोनों वर्गों के क्रमशः नेता कौन थे?
Answer (Detailed Solution Below)
Option 4 : केशव चंद्र सेन और देवेंद्रनाथ टैगोर
Detailed Solution
Download Solution PDFराजा राम मोहन राय आधुनिक भारत के पुनर्जागरण के जनक और एक अथक समाज सुधारक थे जिन्होंने भारत में ज्ञानोदय और उदार सुधारवादी आधुनिकीकरण के युग का उद्घाटन किया।
Important Points
राजा राम मोहन राय ने 1828 में ब्रह्म सभा की स्थापना की, जिसे बाद में ब्रह्म समाज का नाम दिया गया।
- इसका मुख्य उद्देश्य शाश्वत भगवान की पूजा था। यह पुरोहिती, कर्मकांडों और बलिदानों के विरुद्ध था।
- यह प्रार्थना, ध्यान और शास्त्रों के पढ़ने पर केंद्रित था। यह सभी धर्मों की एकता में विश्वास करता था।
- यह आधुनिक भारत में पहला बौद्धिक सुधार आंदोलन था। इससे भारत में तर्कवाद और ज्ञानोदय का उदय हुआ जिसने परोक्ष रूप से राष्ट्रवादी आंदोलन में योगदान दिया।
- यह आधुनिक भारत के सभी सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक आंदोलनों का अग्रदूत था।
- यह 1866 में दो में विभाजित हो गया, अर्थात् केशुब चंद्र सेन के नेतृत्व में भारत का ब्रह्म समाज और देवेंद्रनाथ टैगोर के नेतृत्व में आदि ब्रह्म समाज।
- प्रमुख नेता: देबेंद्रनाथ टैगोर, केशुब चंद्र सेन, पं। शिवनाथ शास्त्री, और रवींद्रनाथ टैगोर।
उपरोक्त से, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि केशव चंद्र सेन और देवेंद्रनाथ टैगोर क्रमशः दो वर्गों के नेता थे।