Question
Download Solution PDFदुर्घटना में किसी व्यक्ति के वक्ष गुहा में छेद हो जाता है, लेकिन फेफड़ों को कोई हानि नहीं होता। इसका प्रभाव हो सकता है
Answer (Detailed Solution Below)
Option 4 : श्वसन का बंद होना
Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर विकल्प 4 है।
अवधारणा:
- श्वसन में दो चरण शामिल हैं- अंतःश्वसन और उच्छ्वसन।
- अंतःश्वसन वह प्रक्रिया है जिसके दौरान वायुमंडलीय वायु अंदर खींची जाती है।
- उच्छ्वसन वह प्रक्रिया है जिसके दौरान कूपिका वायु बाहर निकाली जाती है।
- वायु का अंदर और बाहर आना फेफड़ों और वायुमंडलीय वायु के बीच दाब प्रवणता की मदद से होता है।
व्याख्या:
- अंतःश्वसन तब होता है जब अंतःफुप्फुसी दाब (फेफड़ों के अंदर का दाब) वायुमंडलीय दाब से कम होता है।
- उच्छ्वसन तब होता है जब अंतःफुप्फुसी दाब (फेफड़ों के अंदर का दाब) वायुमंडलीय दाब से अधिक होता है।
विकल्प 1- श्वसन दर में कमी
- यह विकल्प गलत है क्योंकि दाब प्रवणता में गड़बड़ी के कारण श्वसन कम नहीं होगा बल्कि रुक जाएगा।
विकल्प 2- श्वसन दर में तेजी से वृद्धि
- यह विकल्प गलत है क्योंकि दाब प्रवणता में गड़बड़ी के कारण श्वसन बढ़ेगा नहीं बल्कि रुक जाएगा।
विकल्प 3- श्वसन में कोई परिवर्तन नहीं
- यह विकल्प गलत है क्योंकि दाब प्रवणता में गड़बड़ी के कारण श्वसन न तो बढ़ेगा और न ही घटेगा बल्कि रुक जाएगा।
विकल्प 4- श्वसन का बंद होना
- श्वसन (अंतःश्वसन और उच्छ्वसन) के लिए, वायुमंडल के संबंध में फेफड़ों में एक दाब प्रवणता (या दाब अंतर) होना चाहिए।
- इसलिए, यदि किसी व्यक्ति के वक्ष गुहा में छेद है, तो श्वसन के लिए पर्याप्त दाब प्रवणता नहीं बनेगी।
- इसलिए, श्वसन रुक जाएगा, और इसलिए यह सही विकल्प है।
इसलिए, सही विकल्प (विकल्प 4) श्वसन का बंद होना है।