Question
Download Solution PDF"सिद्धों की कविता जनता की भाषा से सम्बन्ध रखती थी अतएव साहित्य क्षेत्र में वह उपेक्षा की दृष्टि से देखी गई।" यह कथन किस आलोचक का है ?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDF"सिद्धों की कविता जनता की भाषा से सम्बन्ध रखती थी अतएव साहित्य क्षेत्र में वह उपेक्षा की दृष्टि से देखी गई।" यह कथन रामकुमार वर्मा आलोचक का है
Key Pointsमुख्य-
- सिद्ध साहित्य, जो 84 सिद्धों द्वारा रचा गया था, मुख्य रूप से बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा से जुड़ा हुआ है।
- इन सिद्धों ने आम जनता तक अपने विचारों और साधना पद्धतियों को पहुंचाने के लिए उस समय की लोकभाषा का प्रयोग किया।
- डॉ. रामकुमार वर्मा ने सिद्धों की भाषा को "जनसमुदाय की भाषा" माना है, जो संस्कृत और अपभ्रंश से प्रभावित थी, लेकिन आम लोगों के लिए सुलभ थी।
Important Pointsडॉ. रामकुमार वर्मा-(1905-1990)
- डॉ रामकुमार वर्मा हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार, व्यंग्यकार और हास्य कवि के रूप में जाने जाते हैं।
- इन्हें हिन्दी एकांकी का जनक माना जाता है।
- पद्म भूषण से सम्मानित डॉ. रामकुमार वर्मा के इनके काव्य में 'रहस्यवाद' और 'छायावाद' की झलक है।
- प्रमुख रचनाएँ-
- वीर हमीर (काव्य; सन 1922 ई.)
- चित्तौड़ की चिन्ता (काव्य सन् 1929 ई.)
- साहित्य समालोचना (सन 1929 ई.)
- अंजलि (काव्य; सन 1930 ई.)
- अभिशाप (कविता; सन 1931 ई.) आदि।
राहुल सांकृत्यायन-
- जन्म-1893-1963 ई.
- अन्य यात्रा-वृतांत-
- मेरी तिब्बत यात्रा(1937 ई.)
- मेरी लद्दाख यात्रा(1939 ई.)
- किन्नर देश में(1948 ई.)
- घुमक्कड़ शास्त्र(1948 ई.)
- यात्रा के कुछ पन्ने(1952 ई.)
- चीन में कम्यून(1959 ई.) आदि।
धर्मवीर भारती-
- जन्म-1926-1997 ई.
- इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में इनका जन्म हुआ था।
- आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे।
- वे साप्ताहिक पत्रिका 'धर्मयुग' के प्रधान संपादक भी रहे।
- डॉ. धर्मवीर भारती को 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
- दूसरा सप्तक के प्रमुख कवि है।
- काव्य रचनाएँ-
- ठंडा लोहा (1952 ई.)
- कनुप्रिया (1959 ई.)
- सात गीत वर्ष (1959 ई.)
- देशान्तर (1960 ई.) आदि।
Additional Information
- हजारी प्रसाद द्विवेदी ने सिद्ध साहित्य की प्रशंसा करते हुए लिखा है कि, "जो जनता तात्कालिक नरेशों की स्वेच्छाचारिता, पराजय त्रस्त होकर निराशा के गर्त में गिरी हुई थी, उनके लिए इन सिद्धों की वाणी ने संजीवनी का कार्य किया।
Last updated on Jul 7, 2025
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