Question
Download Solution PDFशिक्षणस्य मुख्यं उद्देश्यं किमस्ति?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्नानुवाद - शिक्षण का मुख्य उद्देश्य क्या है?
स्पष्टीकरण - छात्रों को दिया गया ज्ञान व शिक्षा तब ही सफल होगी। जब छात्रों का सर्वांगीण विकास हो।
- शिक्षा/शिक्षण से तात्पर्य मानव के सर्वाङ्गीण विकास से है।
- जिसके माध्यम से न केवल मानव का सम्पूर्ण विकास होता है अपितु राष्ट्र का विकास भी शिक्षा से ही संभव है।
- शिक्षा का प्रमुख आधार ही राष्ट्र प्रगति है। जिसका प्रमुख सामाजिक उद्देश्य जनतांत्रिक विकास है।
- यदि किसी राष्ट्र का प्रत्येक नागरिक शिक्षित होता है, तो वह न केवल वह समाज का विकास करता है अपितु समाज के साथ-साथ राष्ट्र के महत्वपूर्ण कार्यों में भी अपनी भूमिका का निर्वाह कर राष्ट्र प्रगति में योगदान देता है।
Important Points
शिक्षा -
- शिक्षा के उद्देश्य को समझने से पहले हम उद्देश्य का अर्थ समझेंगें। उद्देश्य शब्द संस्कृत की उत् + दिश् + य् धातुओं के मिलने से बना है। यहाँ उत् का अर्थ है 'ऊपर की ओर' तथा दिश का अर्थ है 'दिशा का अवलोकन करना। इस प्रकार उद्देश्य शब्द का शाब्दिक अर्थ हुआ 'उच्च या श्रेष्ठ दिशा का अवलोकन करना'।
- उद्देश्य का सम्बन्ध मार्गदर्शन से है। उद्देश्य की पूर्ति व्यापक, विचारशील व दीर्घकालीन प्रक्रिया है।
- शिक्षा के भी अपने उद्देश्य हैं, क्योंकि निरुद्देश्य शिक्षा स्वयं में अर्थहीन होती है। उद्देश्य रहित शिक्षा शिक्षक और शिक्षार्थी दोनों को ही लक्ष्यविहीन बनाती है।
- शिक्षा का कोई एक निश्चित उद्देश्य नहीं होता है। शिक्षा का एक देश, काल, परिस्थिति और आदर्शानुसार उद्देश्य विभिन्न होते हैं।
- उनमें से शिक्षण का मुख्य उद्देश्य है - व्यक्ति का सर्वाङ्गीण विकास करना, राष्ट्र के प्रति समर्पण भावना का विकास करना, अर्थार्जन, उत्तम अध्यापक निर्माण करना आदि उद्देश्य माने जाते हैं।
- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी होता है। समाज में रहकर ही उसका सम्पूर्ण विकास होता है।
- शिक्षा ही मानव विकास की प्रक्रिया के रूप में जीवनपर्यन्त चलती रहती है। शिक्षा के द्वारा ही एक मानव सभ्य और सुसंस्कृत नागरिक बनता है।
- जॉन डीवी ने शिक्षा के महत्व को स्पष्ट करते हुए लिखा है कि - 'जिस तरह शारीरिक विकास के लिए भोजन का महत्व है, उसी तरह सामाजिक विकास के लिए शिक्षा का महत्व है।'
- शिक्षा मनुष्य के भीतर अच्छे विचारों का निर्माण करती है, मनुष्य के जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है। बेहतर समाज के निर्माण में सुशिक्षित नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
- मनुष्य में सोचने की शक्ति होती है, इसलिए वो सभी प्राणियों में श्रेष्ठ है, लेकिन अशिक्षित मनुष्य की सोच पशु के समान होती है। वो सही गलत का फैसला नहीं कर पाता। इसलिए शिक्षा मानव जीवन के लिए ज़रूरी है, जो उसे ज्ञानी बनाती है।
- संकुचित अर्थ में शिक्षा एक निश्चित समय में, नियोजित ढंग से विद्यालय में प्रदान की जाने वाली शिक्षा है, जब कि व्यापक अर्थ में शिक्षा आजीवन चलने वाली वह प्रक्रिया है जो मानव के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करती है।
- भारतीय संस्कृति में प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में चार लक्ष्य माने गए हैं जिन्हें पुरुषार्थ की संज्ञा दी जाती है – धर्म , अर्थ , काम , मोक्ष। इन चारों में से मोक्ष सबसे अधिक पवित्र एवं महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का अंतिम उद्देश्य मोक्ष की प्राप्ति होती है। अतः शिक्षा ही मोक्ष की प्राप्ति का एकमात्र साधन माना गया है।
अतः कहा जा सकता है कि शिक्षण का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करना है। (अन्य विकल्प यहाँ गौण अर्थ में या असंगत हैं।)
Last updated on Jul 18, 2025
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