Question
Download Solution PDFविद्यालय के शुरूआती दिनों में शिक्षार्थी के घर की भाषा का उपयोग करना ______
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFबच्चा घर पर सहज और निर्बाध रूप से भाषा के साथ अंतःक्रिया करता है। विद्यालय में आने से पहले बच्चों के पास भाषा का एक अद्भुत खजाना है जिसका भरपूर इस्तेमाल उनकी भाषा सीखने की प्रवृति को बढ़ावा देने, भाषा को समृद्ध करने में किया जा सकता है। बच्चे अपने साथ अपनी भाषा, अपने अनुभव और दुनिया को देखने का अपना दृष्टिकोण आदि विद्यालय में लेकर आते हैं।
Key Points
- कभी-कभी ऐसा हो सकता है कि बच्चे के घर पर बोली जाने वाली भाषा और स्कूल में व्यवहार में लाई जाने वाली भाषा अलग-अलग हो। यदि प्रारंभ से ही बच्चे की अभिव्यक्ति पर स्कूली भाषा की विशिष्ट शैली को आरोपित करने का प्रयास किया गया तो बच्चों की अभिव्यक्ति की सहज प्रवृति मुईझा सकती है।
- ऐसा न हो, इसके लिए आवश्यक है कि बच्चे जिस भाषा में सहज रूप से अपनी राय, अनुभव, भावनाएँ और विचार व्यक्त करना चाहते हैं, उसे सम्मान दिया जाए।
- बच्चे की अपनी भाषा को विद्यालय द्वारा जितना अधिक सम्मान और स्वतंत्रता दी जाएगी, बच्चे के लिए विद्यालय की भाषा को ग्रहण और स्वीकृत करने में उतनी ही अधिक सरलता और सहजता होगी।
- विद्यालय द्वारा इस संबंध में लचीला रूख अपनाने से बच्चे के घर और स्कूल की भाषा के बीच के पुल को बाँधा जा सकता है।
- इसके लिए सबसे जरूरी है, बच्चे से स्नेहिल रिश्ता बनाना और उसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देना।
- विद्यालय में बच्चों को ऐसा वातावरण मिलना बहुत जरूरी है जहाँ वे बिना भय या रोक-टोंक के अपनी उत्सुकता, जिज्ञासा, आकांक्षाओं और विचारों को अपनी पसंद की भाषा में प्रस्तुत कर सकें।
- उनकी भाषा को किसी पूर्व निर्धारित मापदंड पर न आँका जाए। उनकी अभिव्यक्ति का तिरस्कार न किया जाए।
अतः निष्कर्ष निकलता है कि विद्यालय के शुरूआती दिनों में शिक्षार्थी के घर की भाषा का उपयोग करना घर से विद्यालय में सहज परागमन को समुन्नत करता है।
Last updated on Apr 30, 2025
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