कदाचित् काचित् बालिका हिन्दीभाषाप्रयुक्त-राज्यात् भवतः प्रान्तम् आगच्छति, तथा भवतः सम्बन्धि भाषाप्रयोगे प्रमादान् करोति। तदा एकः अध्यापकः भूत्वा अधस्तनेषु कथनेषु किं युक्तमिति भवान्/भवती चिन्तयति?

This question was previously asked in
CTET Dec 2018 Paper I (L - I/II: Hindi/English/Sanskrit) (Hinglish Solution)
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  1. तस्याः भाषाप्रयोगप्रमादानां विषये वारं वारं स्मारणीयम्।
  2. तस्यैः समीचीनभाषाप्रयोगार्थम् इतोपि अवकाशाः देयाः।
  3. प्रतिदिनं अर्धघण्टां यावत् नूतनभाषाभ्यासः करणीयः।
  4. तस्याः मातृभाषाप्रभावः अधीयमाननूतनभाषायाः उपरि न स्यात्।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : तस्यैः समीचीनभाषाप्रयोगार्थम् इतोपि अवकाशाः देयाः।
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CTET CT 1: TET CDP (Development)
10 Qs. 10 Marks 8 Mins

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प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - कोई बालिका हिन्दी-भाषा युक्त राज्य से आपके राज्य में आती है, और आपके संबंधी भाषा प्रयोग में प्रमाद करती है। तब एक अध्यापक होने के कारण आप इनमेसे कौनसी युक्ति करेंगे?

स्पष्टीकरण - बालिका हिन्दी भाषा युक्त राज्य से आयी है, इससे सूचित होता है उसकी मातृभाषा हिन्दी होनी चाहिए। उसे संस्कृत भाषा सीखनेमें प्रमाद हो रहा है, अतः बालिका का हिन्दी भाषा से संस्कृत भाषा का शिक्षण होगा। नयी भाषा सिखने के लिए उसे द्विभाषी विधि का प्रयोग हो सकता है।

द्विभाषी विधि: इस विधि में दो भाषाओं, मातृभाषा और लक्ष्य भाषा का उपयोग किया जाता है। इसे प्रत्यक्ष विधि (अंग्रेजी, अंग्रेजी के माध्यम से पढ़ाया जाता है) और व्याकरण अनुवाद विधि (अंग्रेजी में प्रत्येक शब्द, वाक्यांश, या वाक्य शिक्षार्थियों में अनुवादित किया जाता है) का संयोजन माना जा सकता है। इसका उद्देश्य शिक्षार्थी की द्विभाषी बनाना होता है- दो भाषाओं का समान रूप से उपयोग करने की क्षमता है। 

द्विभाषी विधि के सिद्धांत:

  • यह विधि छात्रों के भाषा आदतों का उपयोग करती है। 
  • लक्ष्य भाषा में शब्दों और वाक्यों को मातृ भाषा में समकक्षों एक साथ प्रस्तुत किया जाता है। 
  • लक्ष्य भाषा में स्वरुप अभ्यास को तत्काल सख्ती के साथ लिया जाता है। 
  • वाक्य शब्द नहीं है, यह शिक्षण की इकाई है। 
  • समय की बचत का उपयोग अभ्यास के लिए किया जा सकता है।
  • लक्ष्य भाषा के व्याकरण को भाषा 1 के माध्यम से अच्छी तरह से वर्णित किया जाता है। 
  • भाषा 1 का उपयोग केवल शिक्षकों तक सीमित है। 
  • छात्र कभी भी उनके भाषा 1 में कुछ नहीं कहते हैं। 
  • मातृ भाषा का उपयोग धीरे-धीरे कम हो जाता है।

इससे स्पष्ट होता है नयी भाषा सीखने के इन प्रक्रियाओ को समय देना ज़रूरी है अतः 'तस्यैः समीचीनभाषाप्रयोगार्थम् इतोपि अवकाशाः देयाः।' अर्थात् 'उसे योग्य भाषा के प्रयोग के लिए समय देना चाहिए' 

Additional Information

'तस्याः भाषाप्रयोगप्रमादानां विषये वारं वारं स्मारणीयम्।' अर्थात् 'उसे भाषा प्रयोग के गलतियों के बारे में बार बार याद दिलाना'

'प्रतिदिनं अर्धघण्टां यावत् नूतनभाषाभ्यासः करणीयः।' अर्थात् 'हर रोज आधा घंटा नए भाषा का अभ्यास करना चाहिए'

'तस्याः मातृभाषाप्रभावः अधीयमाननूतनभाषायाः उपरि न स्यात्।' अर्थात् 'उस पर मातृभाषा का प्रभाव लक्ष्य भाषा के ऊपर नहीं होना चाहिए'

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